हमारा निर्भय मेवाड़
नारायण सेन
सलूम्बर।
शिव से निर्दलीय विधायक बने युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी का क्रेज अब मारवाड़ से निकलकर मेवाड़ तक फैल चुका है। इसका जीवंत उदाहरण उस समय देखने को मिला जब उनके सलूंबर आगमन पर जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ और जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर चौक-चौराहे पर स्वागत द्वार सजे, ढोल-नगाड़ों की गूंज और आतिशबाज़ी के बीच पूरा सलूंबर “भाटी जिंदाबाद” के नारों से गूंज उठा।
जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत——
जैसे ही विधायक रविंद्र सिंह भाटी सलूंबर की सीमा में प्रवेश किए, उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नागरिक मौजूद थे। गणेश घाटी से लेकर शहर के प्रमुख चौक-चौराहों तक पंडाल सजाए गए थे। युवाओं ने मोटरसाइकिल रैली निकालकर उनका अभिनंदन किया। जगह-जगह माल्यार्पण किया गया और कई स्थानों पर उन्हें 51 किलो की फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। इस दौरान आसमान में आतिशबाज़ी और ज़मीन पर जयकारों की गूंज ने माहौल को और भी जोशीला बना दिया।
युवाओं में खास उत्साह——-
भाटी के आगमन ने युवाओं में विशेष उत्साह भर दिया। युवा कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए – “कहो दिल से, रविंद्र फिर से” और “युवा शक्ति – भाटी शक्ति”। युवाओं का कहना था कि भाटी जैसे ऊर्जावान और जुझारू नेता ही राजनीति की तस्वीर बदल सकते हैं। वे न केवल युवाओं की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं बल्कि समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की क्षमता रखते हैं।
समाजजनों और संगठनों का समर्थन—–
मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष शंभु सिंह दौलपुरा,वरिष्ठ समाजसेवी नारायण सिंह चुंडावत सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने विधायक का स्वागत किया। सर्व समाज और स्थानीय संगठनों ने भी भव्य अभिनंदन कर यह जताया कि भाटी का प्रभाव अब मेवाड़ की राजनीति में भी गहराई से दिखने लगा है।
सलूंबर में गूंजा – भाटी ज़िंदाबाद——
स्वागत समारोह के दौरान कार्यकर्ताओं ने पार्टी और विधायक के पक्ष में जोरदार नारेबाज़ी की। “भाटी ज़िंदाबाद – भाटी ज़िंदाबाद” और “ठरको रविन्द्र सिंह भाटी रो ठरको” के नारों से पूरा शहर गूंज उठा। लोगों ने कहा कि यह महज़ स्वागत नहीं बल्कि विश्वास और आस्था का प्रतीक है। इस दौरान सर्व समाज ने गणेश घाटी पर विशेष स्वागत कर उन्हें भव्य मंच पर सम्मानित किया। भाटी पर लिखा और गाया गया गीत “ठरको रविन्द्र सिंह भाटी रो ठरको” सलूंबर की ज़मीन पर गूंजा और भीड़ में जोश की लहर दौड़ गई।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सलूंबर में भाटी का यह क्रेज भविष्य की राजनीति का संकेत है। जिस तरह युवाओं और आम जनता ने उन्हें हाथोंहाथ लिया है, उससे साफ है कि उनकी लोकप्रियता अब सीमाओं को लांघ रही है। इस आयोजन ने यह संदेश भी दिया कि जनता बदलाव चाहती है और भाटी जैसे नेता उस बदलाव की धुरी बन रहे हैं।
2018 से सलूंबर का जुड़ाव
सलूंबर के स्थानीय नागरिक सुरेश कुमार टेलर ने याद दिलाया कि भाटी का सलूंबर और मेवाड़ से जुड़ाव नया नहीं है। वर्ष 2018 में वे वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव के दौरान जनता सेना उम्मीदवार महाराजा रणधीर सिंह भिंडर के समर्थन में प्रचार-प्रसार के लिए आए थे। उस समय वे जेएनयू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में सक्रिय थे और अपनी तेजतर्रार शैली तथा युवा नेतृत्व क्षमता से उन्होंने क्षेत्र के लोगों का ध्यान खींचा था। टेलर का कहना है कि तभी से भाटी का नाम युवाओं में लोकप्रियता पाने लगा था और आज वही असर और भी प्रबल रूप से दिखाई दे रहा है।
नज़ारा यादगार रहा
पूरा सलूंबर भाटी के स्वागत में सराबोर नज़र आया। ढोल-नगाड़े, आतिशबाज़ी, फूलों की वर्षा और नारों की गूंज ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। लोगों की जुबां पर बस एक ही बात थी –
“मारवाड़ से मेवाड़ तक अब एक ही नाम… रविन्द्र सिंह भाटी।”








